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जानें Taiwan Pink Guava की खेती, खासियत और फायदे के बारे में।

Buy Taiwan Pink Guava Plant

हमारे देश भारत में युवा पीढ़ी अधिकतर डॉक्टर या इंजीनियर बनते हैं और वर्तमान में अब युवाओं की रूचि खेती बाड़ी की तरफ भी जाने लगा है। इसीलिए बहुत से युवा अब किसान बन रहें हैं। बता दें इस काम को करके वह लाखों रुपये तक की कमाई भी कर रहे हैं। ऐसे ही सफल किसानों की बहुत लम्बी सूचि है। जिन्होंने ताइवान पिंक अमरुद की जैविक और आधुनिक खेती करके समाज में एक ऐसी मिसाल कायम की है जो अन्य लोगों के लिए भी काफी उपयोगी साबित हो सकती है। आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि उन्होंने किस तरह ताइवान पिंक अमरुद की खेती की।

कैसे तैयार होते हैं पौधे 

ताइवान अमरुद के पौधे जितेंद्र बैंगलोर में स्थित टिश्यू कल्चर से तैयार करवाये जाते है। जहाँ पर इन्हे बनवाने के लिए कम से कम 6 माह पहले ही उस डिपार्टमेंट को बताना होता है ताकि समय पर पौधे मिल सकें। यहाँ तकरीबन हर साल 40 हजार पौधे तैयार करवाये जाते हैं। इस सब में तकरीबन एक से डेढ़ लाख तक खर्चा आता है। 

फल 6 महीनों में आने लगते हैं। 

यहां आपको जानकारी के लिए बता दें कि अगर 1 एकड़ जमीन में ताइवानी अमरुद के पौधे लगाए जायेंगे तो उसमें लगभग 800 पौधे लग जाते हैं। यह पौधे तकरीबन 6 महीने से लेकर एक साल के अंदर ही फल देना शुरू कर देते हैं। बता दें कि पहले वर्ष में ही हर पौधा 8 से 10 किलो तक फल देता है और इस प्रकार पहले ही साल में ही एक एकड़ जमीन पर 8 से 10 टन फलों का उत्पादन हो जाता है। इसी प्रकार दूसरे साल में प्रत्येक पौधे 20 से 25 किलो तक फल देते हैं जिसके कारण उत्पादन 25 टन पहुँच जाता है। 

खेती की तैयार और समय 

इस ताइवान अमरुद की खेती करने के लिए सर्वप्रथम खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई करनी चाहिए। उसके बाद खेत में पकी हुई गोबर की खाद डालने के आलावा उसमें बायो प्रोडक्ट्स भी डालें। फिर अपने ट्रैक्टर से एक पाल बनाये और इस बात का विशेषकर ध्यान रखें कि हर कतार से 9 फ़ीट तक की दूरी होना अनिवार्य है। इसी प्रकार से एक पौधे की दूरी दूसरे पौधे से 5 फीट तक होना आवश्यक है। इसके आलावा पौधे को बोने की गहराई आधा फ़ीट तक होनी चाहिए। साथ ही यह भी जान लीजिये की अगर आप ताइवान अमरुद के पौधे अपने खेतों में लगाना चाहते हैं, तो उसके लिए सबसे उचित समय जुलाई और अगस्त  का महीना है जिस समय बरसात का मौसम होता है। 

सिंचाई 

बता दें कि इसकी सिंचाई गर्मी के दिनों में 5 से 7 दिन में लगभग डेढ़ – दो घंटे तक करनी चाहिए। लेकिन आम दिनों में इसकी रेगुलर सिंचाई की जाती है। 

कब तक आते हैं फल 

यहां जानकारी के लिए बता दें कि ताइवान अमरुद की खेती में कम से कम 3 बार फल लगते हैं, परन्तु वह इसकी फसल को केवल नवम्बर के महीने में ही लेते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उनकी फसल में जुलाई तक फल आ जाते हैं जो कि नवम्बर तक पाक जाते हैं और वह आगे फरवरी या मार्च तक चलता है। 

कीटों से बचाव 

अपने फलों को कीटों से बचाने और मक्खी नियंत्रण करने के लिए जितेंद्र फोरमैन ट्रैप और स्टिकी ट्रैप का इस्तेमाल करते हैं। फोरमैन ट्रैप से एक प्रकार की गंध निकलती है जो मक्खियों को आकर्षित करती है, और स्टिकी ट्रैप में एक चिपचिपा सा पदार्थ लगा हुआ होता है जिससे अगर कीट उनसे चिपकते हैं तो वह फिर मर जाता है। 

ताइवान अमरुद की खासियत 

1. यह फल अगर आप तोड़ कर रख लेंगे तो 8 दिनों तक भी खराब नहीं होता है। 

2. ताइवान अमरुद की खेती से 6 महीने से 12 महीने पश्चात ही फल मिलने लग जाते हैं। 

3. यह खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है और इसका रंग अंदर से हल्का गुलाबी होता है। 

4. साथ ही बता दें की इसका वजन 300 ग्राम से लेकर 800 ग्राम तक हो जाता है। 

5. बरसात के मौसम में दूसरे अन्य फल पकने लगते हैं लेकिन बारिश होने पर भी यह फल पकता नहीं है। 

आमदनी कितनी होती है। 

मौजूदा समय में ताइवानी अमरुद की मांग दिल्ली के आलावा उत्तर प्रदेश और अन्य दूसरे राज्यों में भी काफी अधिक बढ़ गयी है। सीजन में यह 40 रुपये किलो के भाव से बिकता है। लेकिन जब इसका सीजन चला जाता है तो फिर यह 25 रुपये किलो से 30 रुपये किलो के भाव से बिकता है।

Taiwan Pink Guava की खेती करने के लिए सभी प्रकार की निःशुल्क सहायता, सुझाव और पौधे खरीदने के लिए हमसे संपर्क करें। 

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गमले में लगा अमरुद का पौधा फलों से लद जायेगा जानिए इन 10 तरीकों को

अगर आपके घर के गमले में अमरुद का पौधा लगा है और आपके अमरुद के पौधा में फल नहीं आ रहे हैं तो हमारे द्वारा बताये गए इन तरीकों को जरूर आजमाएं। आपका अमरुद का पौधा फलों से लद जायेगा।

  1. अमरुद के पौधे से अधिक से अधिक फल पाने के लिए उसे  2 से 3 फीट के गमले में लगाना चाहिए। 
  2. अमरुद के पौधे को हलकी चिकनी ,काली या दोमट मिट्टी में लगाने से अमरुद के फलों की पैदावार ज्यादा होती है। 
  3. आप अगर अमरुद के पौधे से बहुत ही कम समय में और ज्यादा मात्रा में फल पाना चाहते हैं, तो हमेशा कलमी (Grafted ) पौधा ही लगाएं। 
  4. अमरुद के पौधे से अधिक फल पाने के लिए अमरुद के पौधे की साल में 2 से 3 बार प्रूनिंग (शाखा का ऊपरी भाग 1 से 2 इंच काटना ) कर दें। 
  5. गमले में लगे अमरुद के पौधे को हर 20 दिन बाद कम्पोस्ट या वर्मीकम्पोस्ट देना चाहिए। इससे पौधे की आवश्यकताओं की पूर्ति होती रहती है। 
  6. अमरुद के पौधे को धूप की ज्यादा जरुरत होती है। अतः उसे ऐसी जगह रखें जहाँ वो पर्याप्त मात्रा में धूप पा सके। 
  7. अमरुद के पौधे को अन्य पौधों की अपेक्षा पानी की ज्यादा जरुरत होती  है। अतः गमले में लगे अमरूद के पौधे को सुबह – शाम दोनों समय पानी देना चाहिए। 
  8. एप्सम साल्ट (मैगनीशियम सल्फेट ) या सागरिका नाम के फर्टिलाइजर की एक चम्मच मात्रा को 1 लीटर पानी में डाल के अमरुद के पौधे पर छिड़काव करने से अमरुद के पौधे में फलों की पैदावार ज्यादा हो जाती है। 
  9. गमले में लगे अमरुद के पौधे की समय – समय पर गोड़ाई करते रहें। 
  10. गमले में लगे अमरुद के पौधे पर नीम की पत्तियों द्वारा बनाई गयी फर्टिलाइजर का छिड़काव करने से अमरुद के पौधे पर कीड़े नहीं लगेंगे और आपका अमरुद का पौधा अधिक मात्रा में फल देगा। 
  • नोट – नीम की पत्तियों से घर पर ही फर्टिलाइजर बनाये। यहाँ क्लिक करें।