गमले में ‘हरिमन 99′ (Hariman 99) समर ज़ोन एप्पल से फल कैसे प्राप्त करें – हिंदी में मार्गदर्शन
(Hariman 99 एक गर्म जलवायु में उगने वाला विशेष सेब का किस्म है जिसे पॉट में भी उगाया जा सकता है।)

🌱 1. सही गमला चुनें:
- 20 से 24 इंच गहरा और चौड़ा गमला लें।
- गमले में अच्छा ड्रेनेज होना जरूरी है ताकि पानी जमा न हो।
🌿 2. मिट्टी का मिश्रण:
- 40% बगीचे की मिट्टी + 30% गोबर की खाद/वर्मी कम्पोस्ट + 20% रेत + 10% नीम की खली या कोकोपीट मिलाएं।
- pH 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए।
☀️ 3. धूप की व्यवस्था:
- यह सेब गर्म क्षेत्र के लिए है, लेकिन फिर भी इसे कम से कम 6-8 घंटे की सीधी धूप मिलनी चाहिए।
💧 4. सिंचाई (पानी देना):
- गर्मी में नियमित, लेकिन गीली मिट्टी से बचें।
- मिट्टी सूखने पर ही पानी दें, अतिरिक्त नमी जड़ों को नुकसान पहुँचा सकती है।
🌸 5. फूल और फल लगने के समय देखभाल:
- पौधे की उम्र कम से कम 1.5-2 साल होनी चाहिए फल आने के लिए।
- जब कलियाँ दिखने लगें, तो फॉस्फोरस और पोटाश युक्त खाद (जैसे हड्डी की खाद + MOP) दें।
🪴 6. खाद देने का समय:
मौसम | खाद |
---|---|
वसंत (Feb-Mar) | गोबर की खाद + नीम खली + DAP |
गर्मी (Apr-Jun) | जल-धारण शक्ति बढ़ाने वाली जैविक खाद (जैसे कोकोपीट) + पोटाश |
बरसात (Jul-Sep) | वर्मी कम्पोस्ट + ट्राइकोडर्मा (फफूंदनाशक) |
सर्दी (Oct-Dec) | हड्डी की खाद + राख + हल्की कटाई |
✂️ 7. छंटाई (प्रूनिंग):
- हर साल दिसंबर–जनवरी में सूखी और भीड़ वाली शाखाएं काटें।
- इससे वेंटिलेशन और सूरज की रोशनी ठीक से मिलेगी, फल अच्छा आएगा।
🐛 8. रोग व कीट नियंत्रण:
- नीम तेल, लहसुन-हरी मिर्च स्प्रे का छिड़काव करें।
- पत्तों पर सफेद धब्बे या कीट दिखें तो जैविक कीटनाशक तुरंत लगाएं।
⏳ 9. फल आने का समय:
- अच्छे रखरखाव में यह पौधा 2 से 3 साल में फल देना शुरू कर सकता है।
- फल आमतौर पर जून से अगस्त के बीच तैयार होते हैं (गर्म जलवायु क्षेत्रों में)।
✅ अतिरिक्त सुझाव:
- फूलों की संख्या ज्यादा हो तो कुछ कलियों को हटा दें — इससे बाकी फल बड़े और मीठे बनेंगे।
- गमले को हर 2 साल में दोबारा मिट्टी मिलाकर रीपॉट करें।
यह रहा हरिमन 99 (Hariman 99 Summer Zone Apple) पौधे की महीना-दर-महीना देखभाल कैलेंडर (पॉट में) — हिंदी में:
🌿 हरिमन 99 सेब पौधा – गमले में देखभाल कैलेंडर
महीना | कार्य (Care Tips) |
---|---|
जनवरी (Jan) | – पौधे की हल्की छंटाई करें (Dead branches हटाएँ) – जैविक फफूंदनाशक (Trichoderma) डालें – गोबर की खाद डालें |
फ़रवरी (Feb) | – फूलों की कली बनने लगती है – DAP + हड्डी की खाद + राख (wood ash) डालें – नियमित रूप से पानी दें, धूप में रखें |
मार्च (Mar) | – फूल खिलते हैं – फूल गिरने से बचाने के लिए नीम तेल या जैविक स्प्रे करें – फल बनने लगे तो पोटाश दें (MOP) |
अप्रैल (Apr) | – छोटे फल दिखने लगेंगे – जैविक खाद + पोटाश + नीम खली दें – पत्तियों पर कीट दिखें तो नीम स्प्रे करें |
मई (May) | – फल बढ़ने की अवस्था – पौधे को 2 दिन में एक बार पानी दें – गमले को ज्यादा गर्म धूप से बचाएँ (छाया दें) |
जून (Jun) | – फल पकने लगते हैं – गिरे हुए पत्ते/फल हटाएँ – यदि जरूरत हो तो थोड़ा पोटाश दें |
जुलाई (Jul) | – फल कटाई के बाद पौधे को आराम दें – वर्मी कम्पोस्ट डालें – हल्की सिंचाई करें, जलभराव से बचें |
अगस्त (Aug) | – नई शाखाएं निकलेंगी – 1-2 बार जैविक फफूंदनाशक + नीम खली दें – गमले की मिट्टी हल्की खोदाई करें |
सितंबर (Sep) | – पोषक पूर्ति हेतु गोबर की खाद + राख दें – पत्तों पर रोग/कीट न हो, निरीक्षण करें |
अक्टूबर (Oct) | – ठंडी शुरू होने से पहले पौधे की कटाई-छंटाई करें – ट्रेंचिंग (हल्का गड्ढा बनाकर खाद देना) करें |
नवंबर (Nov) | – नया विकास रुकने लगता है – कोई भारी खाद न दें – सिर्फ पानी और जैविक स्प्रे जारी रखें |
दिसंबर (Dec) | – पौधे को आराम की अवस्था में रखें – छंटाई की योजना बनाएं – जैविक मल्च डालें (सूखी पत्तियाँ या घास) |
✅ अतिरिक्त सुझाव:
- हर 6 महीने में गमले की ऊपरी 2-3 इंच मिट्टी बदलें।
- हर 2-3 साल में पौधे को नए बड़े गमले में ट्रांसप्लांट करें।
- यदि फूल बहुत अधिक हों तो थिनिंग (कुछ फूल हटाना) करें, इससे फल बड़े और स्वादिष्ट बनते हैं।