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हरिमन 99′ (Hariman 99) समर ज़ोन एप्पल से फल कैसे प्राप्त करें

गमले में ‘हरिमन 99′ (Hariman 99) समर ज़ोन एप्पल से फल कैसे प्राप्त करें – हिंदी में मार्गदर्शन
(Hariman 99 एक गर्म जलवायु में उगने वाला विशेष सेब का किस्म है जिसे पॉट में भी उगाया जा सकता है।)

 

hariman_99_summer_zone_apple_plant
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🌱 1. सही गमला चुनें:

  • 20 से 24 इंच गहरा और चौड़ा गमला लें।
  • गमले में अच्छा ड्रेनेज होना जरूरी है ताकि पानी जमा न हो।

🌿 2. मिट्टी का मिश्रण:

  • 40% बगीचे की मिट्टी + 30% गोबर की खाद/वर्मी कम्पोस्ट + 20% रेत + 10% नीम की खली या कोकोपीट मिलाएं।
  • pH 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए।

☀️ 3. धूप की व्यवस्था:

  • यह सेब गर्म क्षेत्र के लिए है, लेकिन फिर भी इसे कम से कम 6-8 घंटे की सीधी धूप मिलनी चाहिए।

💧 4. सिंचाई (पानी देना):

  • गर्मी में नियमित, लेकिन गीली मिट्टी से बचें।
  • मिट्टी सूखने पर ही पानी दें, अतिरिक्त नमी जड़ों को नुकसान पहुँचा सकती है

🌸 5. फूल और फल लगने के समय देखभाल:

  • पौधे की उम्र कम से कम 1.5-2 साल होनी चाहिए फल आने के लिए।
  • जब कलियाँ दिखने लगें, तो फॉस्फोरस और पोटाश युक्त खाद (जैसे हड्डी की खाद + MOP) दें।

🪴 6. खाद देने का समय:

मौसमखाद
वसंत (Feb-Mar)गोबर की खाद + नीम खली + DAP
गर्मी (Apr-Jun)जल-धारण शक्ति बढ़ाने वाली जैविक खाद (जैसे कोकोपीट) + पोटाश
बरसात (Jul-Sep)वर्मी कम्पोस्ट + ट्राइकोडर्मा (फफूंदनाशक)
सर्दी (Oct-Dec)हड्डी की खाद + राख + हल्की कटाई

✂️ 7. छंटाई (प्रूनिंग):

  • हर साल दिसंबर–जनवरी में सूखी और भीड़ वाली शाखाएं काटें
  • इससे वेंटिलेशन और सूरज की रोशनी ठीक से मिलेगी, फल अच्छा आएगा।

🐛 8. रोग व कीट नियंत्रण:

  • नीम तेल, लहसुन-हरी मिर्च स्प्रे का छिड़काव करें।
  • पत्तों पर सफेद धब्बे या कीट दिखें तो जैविक कीटनाशक तुरंत लगाएं।

9. फल आने का समय:

  • अच्छे रखरखाव में यह पौधा 2 से 3 साल में फल देना शुरू कर सकता है।
  • फल आमतौर पर जून से अगस्त के बीच तैयार होते हैं (गर्म जलवायु क्षेत्रों में)।

अतिरिक्त सुझाव:

  • फूलों की संख्या ज्यादा हो तो कुछ कलियों को हटा दें — इससे बाकी फल बड़े और मीठे बनेंगे।
  • गमले को हर 2 साल में दोबारा मिट्टी मिलाकर रीपॉट करें

यह रहा हरिमन 99 (Hariman 99 Summer Zone Apple) पौधे की महीना-दर-महीना देखभाल कैलेंडर (पॉट में) — हिंदी में:


🌿 हरिमन 99 सेब पौधा – गमले में देखभाल कैलेंडर

महीनाकार्य (Care Tips)
जनवरी (Jan)– पौधे की हल्की छंटाई करें (Dead branches हटाएँ) – जैविक फफूंदनाशक (Trichoderma) डालें – गोबर की खाद डालें
फ़रवरी (Feb)– फूलों की कली बनने लगती है – DAP + हड्डी की खाद + राख (wood ash) डालें – नियमित रूप से पानी दें, धूप में रखें
मार्च (Mar)– फूल खिलते हैं – फूल गिरने से बचाने के लिए नीम तेल या जैविक स्प्रे करें – फल बनने लगे तो पोटाश दें (MOP)
अप्रैल (Apr)– छोटे फल दिखने लगेंगे – जैविक खाद + पोटाश + नीम खली दें – पत्तियों पर कीट दिखें तो नीम स्प्रे करें
मई (May)– फल बढ़ने की अवस्था – पौधे को 2 दिन में एक बार पानी दें – गमले को ज्यादा गर्म धूप से बचाएँ (छाया दें)
जून (Jun)– फल पकने लगते हैं – गिरे हुए पत्ते/फल हटाएँ – यदि जरूरत हो तो थोड़ा पोटाश दें
जुलाई (Jul)– फल कटाई के बाद पौधे को आराम दें – वर्मी कम्पोस्ट डालें – हल्की सिंचाई करें, जलभराव से बचें
अगस्त (Aug)– नई शाखाएं निकलेंगी – 1-2 बार जैविक फफूंदनाशक + नीम खली दें – गमले की मिट्टी हल्की खोदाई करें
सितंबर (Sep)– पोषक पूर्ति हेतु गोबर की खाद + राख दें – पत्तों पर रोग/कीट न हो, निरीक्षण करें
अक्टूबर (Oct)– ठंडी शुरू होने से पहले पौधे की कटाई-छंटाई करें – ट्रेंचिंग (हल्का गड्ढा बनाकर खाद देना) करें
नवंबर (Nov)– नया विकास रुकने लगता है – कोई भारी खाद न दें – सिर्फ पानी और जैविक स्प्रे जारी रखें
दिसंबर (Dec)– पौधे को आराम की अवस्था में रखें – छंटाई की योजना बनाएं – जैविक मल्च डालें (सूखी पत्तियाँ या घास)

अतिरिक्त सुझाव:

  • हर 6 महीने में गमले की ऊपरी 2-3 इंच मिट्टी बदलें
  • हर 2-3 साल में पौधे को नए बड़े गमले में ट्रांसप्लांट करें
  • यदि फूल बहुत अधिक हों तो थिनिंग (कुछ फूल हटाना) करें, इससे फल बड़े और स्वादिष्ट बनते हैं।

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गमले में उगाए गए ताइवानी पिंक अमरूद (Taiwan Pink Guava) से बेहतरीन फल प्राप्त करने के उपाय

गमले में उगाए गए ताइवानी पिंक अमरूद (Taiwan Pink Guava) से बेहतरीन फल प्राप्त करने के उपाय (हिंदी में):

Taiwan pink guava live plant
Taiwan pink guava live plant

गमले में ताइवानी पिंक अमरूद का पौधा अच्छी तरह फल दे सकता है, अगर आप सही देखभाल करें। नीचे कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:


🌱 1. उपयुक्त गमला चुनें:

  • कम से कम 18-24 इंच गहरा और चौड़ा गमला इस्तेमाल करें।
  • मिट्टी से पानी अच्छे से निकल जाए, इसके लिए ड्रेनेज होल्स ज़रूर होने चाहिए।

🌿 2. मिट्टी का चयन:

  • दलदली मिट्टी नहीं होनी चाहिए।
  • अच्छे परिणाम के लिए 60% बगीचे की मिट्टी + 20% गोबर की खाद + 20% रेत या पर्लाइट मिलाएं।

☀️ 3. धूप की व्यवस्था:

  • पौधे को कम से कम 6-8 घंटे की सीधी धूप जरूर मिलनी चाहिए।

💧 4. सिंचाई (पानी देना):

  • गर्मियों में नियमित रूप से पानी दें, लेकिन पानी जमा न होने दें
  • सर्दियों में कम पानी दें – मिट्टी सूखने पर ही पानी दें।

🌸 5. फूल और फल के समय की देखभाल:

  • फूल आने पर पोटाश और फॉस्फोरस युक्त खाद (जैसे DAP या हड्डी की खाद) दें।
  • फूल झड़ने से रोकने के लिए जैविक फफूंदनाशक (जैसे नीम का तेल) का छिड़काव करें।

🪴 6. खाद देना:

  • हर 30-45 दिन में एक बार:
    • गोबर की खाद/वर्मीकम्पोस्ट
    • नीम की खली
    • हड्डी की खाद
  • फ्रूटिंग के समय पोटाश (MOP) और सिवेज स्लज/फूलों की खाद दें।

✂️ 7. छंटाई (प्रूनिंग):

  • हर साल सर्दियों में पुराने और सूखे टहनियों की छंटाई करें।
  • इससे नए और स्वस्थ टहनियाँ उगेंगी और ज्यादा फल आएंगे।

🐛 8. कीट नियंत्रण:

  • नीम तेल या साबुन पानी का स्प्रे हर 15 दिन में करें।
  • फल मक्खी, एफिड या स्केल इंसेक्ट से बचाने के लिए जैविक उपाय अपनाएं।

 

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Tips for Boosting fruiting in a potted

Boosting fruiting in a potted lemon plant requires a combination of proper care, the right nutrients, and optimal environmental conditions. Here’s a practical guide:

All season lemon plant for pot
All season lemon plant for pot

✅ 1. Choose the Right Pot and Soil

  • Pot size: At least 18–24 inches in diameter and with drainage holes.

  • Soil: Well-draining, slightly acidic soil (pH 5.5–6.5). A mix of potting soil, compost, and sand/perlite works well.


✅ 2. Sunlight

  • Lemon plants need 6–8 hours of direct sunlight daily.

  • If indoors, place near a south-facing window or use grow lights.


✅ 3. Watering

  • Keep soil consistently moist, but not soggy.

  • Water when the top inch of soil feels dry.

  • Avoid letting the pot sit in water.


✅ 4. Fertilizing (Key for Fruiting!)

Use a citrus-specific fertilizer high in phosphorus and potassium:

  • NPK ratio around 5-10-10 or 6-3-6.

  • Fertilize every 4–6 weeks during growing season (spring–summer).

  • Supplement with micronutrients like magnesium (Epsom salt), zinc, and iron if leaves yellow.

Homemade boost: Mix 1 tablespoon of Epsom salt in 1 gallon of water once a month.


✅ 5. Pruning and Pollination

  • Prune lightly to shape the plant and remove dead branches.

  • Promote airflow and sunlight penetration.

  • Hand pollinate flowers indoors using a small brush or cotton swab.


✅ 6. Stress the Plant Slightly

  • After flowering begins, slightly reduce water for a short time. Mild stress can encourage fruiting.


✅ 7. Pest and Disease Management

  • Watch for aphids, spider mites, and scale.

  • Use neem oil or insecticidal soap if needed.


✅ 8. Repot Every 2–3 Years

  • Refreshes soil and prevents root binding, which can affect fruit production.

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जानिए Japanese Miyazaki Mango (जापानी मियाज़ाकी आम) दुनिया के सबसे महंगे और अनोखे आमों के बारे में|

Japanese Miyazaki Mango (जापानी मियाज़ाकी आम) दुनिया के सबसे महंगे और अनोखे आमों में से एक है। इसे “Egg of the Sun” (सूरज का अंडा – Taiyo no Tamago) भी कहा जाता है।
यहाँ इस आम के बारे में कुछ खास बातें हैं:
🥭 Miyazaki Mango की खासियत:
उत्पत्ति: जापान के Miyazaki Prefecture में उगाया जाता है।
कीमत: एक जोड़ी आम की कीमत ₹2 लाख से ₹2.5 लाख तक हो सकती है!
रंग: गहरे लाल से बैंगनी रंग का होता है।
स्वाद: बेहद मीठा, जूसदार और रसीला। इसकी मिठास लगभग 15% Brix level (चीनी की मात्रा) तक हो सकती है।
वजन: एक आम का वजन लगभग 350-500 ग्राम या उससे ज्यादा होता है।
उगाने की प्रक्रिया: इसे नेट में लटकाकर उगाया जाता है ताकि धूप सभी तरफ से बराबर पड़े और फल परफेक्ट आकार में पके।
🌱 भारत में Miyazaki Mango:
भारत में कुछ किसानों ने इसकी खेती शुरू की है, खासकर मध्य प्रदेश (Jabalpur), उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में।
इसकी खेती में उच्च देखभाल, सुरक्षा, और मौसम की विशेष परिस्थितियों की जरूरत होती है।
शुरुआत में यह आम सिर्फ शोकेस और गिफ्टिंग के लिए उगाया गया था, लेकिन अब इसका व्यवसायिक उत्पादन बढ़ रहा है।
💰 क्यों इतना महंगा?
यह आम बहुत ही सीमित मात्रा में उगाया जाता है।
इसकी पैकिंग, ग्रेडिंग और प्रस्तुति लक्ज़री फ्रूट की तरह होती है।
जापान में ये आम अमीरों के तोहफे के रूप में इस्तेमाल होता है।
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अपराजिता के पौधे में ज्यादा फूल लाने का सरल तरीका

अगर आपके अपराजिता के पौधे में फूल नहीं आ रहे हैं या केवल या इक्का दुक्का फूल आ रहे हैं तो आप कुछ नुस्खों को अपना कर अपने अपराजिता को फूलों से भर सकते हैं।
आप अपने पौधे ने आधा चम्मच epsom salt को आधा लीटर पानी मे घोलकर छिडक़ाब कर सकते हैं, साथ ही शेष पानी को जड़ में डाल सकते हैं।
अथवा आप फिटकरी का एक टुकड़ा लीजिए इसे दो घंटे तक 1 लीटर पानी मे डाल कर रखिये फिर इस पानी को अपने अपराजिता के पौधे में डालिये।
पानी में  10 ग्राम

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मिलाकर डालने से सभी तरह के पौधों में  फल और फूल ज्यादा संख्या में और बड़े साइज़ के आते है।

याद रहे ये  कार्य आपको तभी करने हैं, जब आपके अपराजिता की मिट्टी एकदम सूखी हुई हो।
अपराजिता
अपराजिता
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हरसिंगर या पारिजात के पौधे को कटिंग से लगाने का सबसे सरल तरीका

पारिजात के पौधे को हरसिंगार भी कहा जाता है और यह बेहद पवित्र पौधा माना जाता है। नारंगी डंडी और खूबसूरत सफेद फूल को आपने कई जगहों पर देखा होगा, इसी फूल को हरसिंगार कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जिस घर में हरसिंगार का पौधा होता है, उस घर में माता लक्ष्मी का वास होता है।हरसिंगर या पारिजात के पौधे को कटिंग से आसानी से लगाया जा सकता है।

harsingar-parijaat plant home delivery
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हरसिंगार या पारिजात के पौधे की कटिंग लगाने का सही समय अक्टूबर का महीना होता है। पारिजात के पौधे की एक अच्छी 5-6 इंच लंबी शाखा लीजिए और इसके निचले छोर को 45° के कोण से काट लीजिये। नीचे से आधी दूरी तक के सारे पत्ते हटा दीजिये। यदि रूटिंग हार्मोन उपलब्ध है तो प्रयोग कीजिये अन्यथा प्याज का अर्क या एलोवेरा का जेल निचले तिरछे कटे हुए हिस्से पर लगा लीजिए, हैं तो वह कटिंग पर लगा सकते हैं, मिट्टी तैयार करने के लिए 40% मिट्टी, 30% वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद और 15% रेत और 15% कोको पीट या धान की भूसी को अच्छे से मिलाकर गमले में भरिए और कटिंग के लगभग आधे भाग को मिट्टी में दबकर और पानी डालकर गमले को ऐसे जगह पर रखिये जहां सुबह की हल्की धूप कुछ देर के लिए मिल सके तेज धूप से कटिंग को बचाकर रखिये। मिट्टी में लगातार नमी बनाये रखें, ज्यादा पानी देने से बचें। जड़ें निकलने में कम से कम 4 से 6 हफ्तों का समय लग सकता हैं, जब कटिंग में नई-नई पत्तियाँ निकलने लगें तो समझ जाये कि कटिंग लग गई हैं।

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कपूर के पौधे के वास्तु एवं ज्योतिषीय लाभ….

हम सभी अपने घर की पूजा में कपूर जलाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि कपूर कहां से आता है? कैसा होता है इसका पौधा? क्या इस पौधे को घर में लगा सकते हैं, लगा लिया तो क्या फायदे होंगे?*
आजकल जो प्रचलित कपूर हम लाते हैं वह केमिकल्स के बने होते हैं। कपूर एक विशालकाय पेड़ से प्राप्त होते हैं जिनका चिकित्सकीय लाभ कमाल का होता है। केमिकल्स वाले कपूर में मेडिसिनल वैल्यू बहुत कम होती है। कपूर का पेड़ लंबे समय तक चलने वाला सदाबहार वृक्ष है।
इसका वृक्ष भारत, श्रीलंका, चीन, जापान, मलेशिया, कोरिया, ताइवान, इन्डोनेशिया आदि देशों में पाया जाता है। कपूर के पेड़ की लम्बाई 50 से 100 फीट तक होती है। इसके फूल, फल तथा पत्तियां सभी आकर्षक होते हैं। इसे सजावटी पेड़ के रुप में भी लोग अपनाते हैं। इसकी पत्तियां बड़ी, सुन्दर और लालिमा व हरापन लिए होती हैं। वसन्त ऋतु में इसमें छोटे-छोटे खुशबूदार फूल लगते हैं। इसके फल भी बड़े मोहक होते हैं।
कपूर के पेड़ की लकड़ियां फर्नीचर के काम में भी लाई जाती हैं। यह काफी मजबूत और टिकाऊ होती है। इसके पेड़ से प्राप्त लकड़ियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर, तेज आंच पर उबाला जाता है फिर भाप और शीतलीकरण विधि से कपूर का निर्माण होता है। इससे अर्क और तेल भी बनाया जाता है, जिसका प्रयोग प्रसाधन एवं औषधि कार्यों में होता है।
आयुर्वेद, एलोपैथी और होमियोपैथी दवाइयों में भी कपूर का प्रयोग होता है। इसकी तासीर ठंडी है। कपूर और गाय के घी से काजल भी बनाया जाता है। यह आंखों के लिए बड़ा गुणकारी होता है।
कपूर के पौधे को हम अपने घर, बाहर, बगिया, गमले आदि कहीं भी किसी भी जगह पर लगा सकते हैं। कपूर का पौधा अच्छी सेहत का भंडार और वरदान है।
कपूर के पौधे के संपर्क में जो रहता है तो वह हमेशा स्वस्थ रहता है।
कपूर का पौधा पर्यावरण को शुद्ध करने में बहुत बड़ी मदद करता है।
कपूर का पौधा हमें प्राण वायु प्रदान करता है।
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कपूर का पौधा लगाने से घर से बीमारियां दूर हो जाती हैं।
कपूर का पौधा घर में लगाने से आसपास की सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती हैं।
कपूर का पौधा अपनी सुगंध से चारों ओर के वातावरण को खुशबूदार बना देता है।
कपूर का पौधा धन की आवक को आकर्षित करता है।
कपूर का पौधा रिश्तों में मिठास लाता है।
कपूर का पौधा घर में रखने से खुशियों का आगमन होता है।
कपूर का पौधा घर और घर के सदस्यों को नजर से बचाता है।
कपूर का पौधा घर में रखने से बुरी आत्माएं घर से दूर रहती हैं।
कपूर का पौधा घर के किसी भी कोने में रख सकते हैं यह पूरे घर के वास्तु दोष को हर लेता है।
घर के बाहर रख रहे हैं तो इसे प्रवेश की तरफ से द्वार के दाएं तरफ रखें।
कपूर का पौधा घर के मंदिर के आसपास भी रख सकते हैं। इससे पूजा का फल दो गुना हो जाता है।
कपूर का पौधा तरक्की लाता है सदस्यों के बीच की तकरार को खत्म करता है।
कपूर का पौधा सेहत के लिए तो अत्यंत फायदेमंद है ही मन और आध्यात्मिक शांति के लिए भी आश्चर्यजनक रूप से लाभकारी है।
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जानिए क्यों ख़ास है अद्भुत गुणों युक्त ब्रम्ह कमल का पौधा।

ब्रह्म कमल फूलों का सम्राट कहा जाता है दरअसल उत्तराखंड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल को ही कहा जाता है जो कि हिमालय की चोटी में पाया जाता है। यह कमल सफेद रंग का होता है जो देखने में वाकई आकर्षक है।
जिसके खिलने पर उसकी पूजा की जाती है। इस दिव्य फूल को लेकर ऐसा माना जाता है कि इस ब्रह्म कमल के पौधों में 1 साल में एक ही बार फूल आता है, और कई बार इस पौधे में फूलों को आने में कई साल गुजर जाते हैं।
लेकिन इस फूल की सबसे रहस्यमई बात यह है कि यह सिर्फ आधी रात के बाद ही खिलते हैं और सुबह होने से पहले मुरझा भी जाते हैं । इस फूल के इसी गुण के कारण इसे ब्रह्म कमल का फूल नाम दिया गया है मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि इस रहस्यमई ब्रह्मकमल को अगर कोई भी खिलते हुए देख ले और खिलते हुए समय कोई भी अपनी मन्नत इनके सामने रख दे तो कहते हैं वह मन्नत पूरी हो जाती है। इसके अलावा हमारी ग्रंथों में भी इस दुर्लभ कमल को लेकर रहस्यमई कहानियां प्रचलित हैं, इसे स्वयं सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी का पुष्प माना जाता है।हिमालय की ऊंचाइयों पर मिलने वाला यह पुष्प अपना पौराणिक महत्व भी रखता है। इस फूल के विषय में यह माना जाता है कि मनुष्य की इच्छाओं को पूर्ण करता है।  इसका उल्लेख कई पौराणिक कहानियों में भी मिलता है।

Brahma kamal live plant for indoor garden
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कपूर का पेड़ कहाँ मिलेगा? क्या हम घर पर कपूर का पेड़ उगा सकते हैं और इसके के क्या फायदे हैं??

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कपूर या सिनामोमम कपूर एक सदाबहार पेड़ है जिसे उगाना और अपने घर के बगीचे में बनाए रखना आसान है । कपूर या सिनामोमम कपूर एक कम रखरखाव वाला सदाबहार पेड़ है जो आपके बगीचे के लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। जैसा कि पेड़ को ज्यादा देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है, आप इसे आसानी से बिना किसी परेशानी के लगा सकते हैं।

कपूर का पौधा हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसकी सुगंध इतनी अच्छी होती है कि इसकी सुगंध से आसपास की सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती हैं। कपूर का पौधा अपनी सुगंध से चारों ओर के वातावरण को खुशबूदार बना देता है।

कपूर के पौधे को हम अपने घर में,बाहर, कहीं भी किसी भी जगह पर लगा सकते हैं।इसे हम अपने घर में, गमले में,कहीं भी लगा सकते हैं। कपूर का पौधा केवल एक पौधा ही नहीं है अपितु यह हमारे लिए स्वास्थ्य रूपी खजाने का भंडार है।

परंतु आज हम जानेंगे कपूर के पौधे के क्या फायदे हैं?कपूर का पौधा लगाने से घर से बीमारियां दूर हो जाती हैं। अगर कोई व्यक्ति कपूर के पौधे के संपर्क में रहता है तो वह हमेशा स्वस्थ रहता है।

कपूर का पौधा लगाने से मक्खी, मच्छर ,सांप, छिपकली इत्यादि घर में नहीं आते हैं।

 

जानिए कपूर के पौधे के अद्भुद फायदे।

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महोगनी कैसे बना रहा है लोगो को मालामाल , महोगनी के पौधे के बारे सम्पूर्ण जानकारी

 

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महोगनी का वृक्ष व्यापारिक पेड़ है। इस पेड़ की लंबाई 40 से 200 फिट तक होती है लेकिन भारत में अधिकतम 60 फिट तक ही इसकी लंबाई पाई जाती है। अगर आप देखे तो विदेशों में इसकी लंबाई 200 फिट तक चली जाती है। और महोगनी में शाखाएं बहुत कम होती है केवल उपर ही शाखाएं पाई जाती है। जिससे इसकी लकड़ी काफी शानदार होती है। और इसकी मोटाई 50 इंच तक होती है। महोगनी की लकड़ी मजबूत होती है और काफी लंबे समय तक उपयोग में लाई जाती है। यह लकड़ी लाल और भूरे रंग की होती है तथा इस लकड़ी पर पानी से नुकसान का कोई असर नहीं होता है।

खेती-किसानी में दिलचस्पी, और अलग नजरिया रखने वाले लोग उन सभी पेड़ पौधों से खूब मुनाफा कमा रहे हैं जिनके बारे में लोग ज्यादा नहीं सोचते. महोगनी के पेड़ भी कुछ इसी तरह के पेड़ हैं, जिनसे आजकल किसानों को बंपर मुनाफा हो रहा है.

महोगनी पेड़/ लकड़ी की कीमत क्या है?

अगर बात करें महोगनी की लकड़ी की तो प्रति घन फीट लकड़ी की कीमत 2000 रूपये में तक जाती है। जिससे काफी अच्छा मुनाफा किसान भाई प्राप्त कर सकते हैं। और एक Mahogany tree 40,000 से 80,000 तक का बिकता है। लेकिन यह पेड़ की वृद्धि के आधार पर निर्भर होता है।

महोगनी की लकड़ी से क्या-क्या बनाया जाता है?

जैसा Mahogany tree की लकड़ी काफी मजबूत और टिकाऊ होती है। और यह पानी में जल्दी नही सड़ती है इसलिए महोगनी की लकड़ी से नाव और पानी के जहाज बनाए जाते हैं।
महोगनी की लकड़ी से बेशकीमती फर्नीचर बनाए जाते हैं। इस लकड़ी से बने फर्नीचर काफी अच्छे और मजबूत होते हैं। इसके अलावा Mahogany की लकड़ी से सजावट की चीजें, मूर्तियां आदि भी बनाए जाते हैं।
इसकी लकड़ी से हथियारों के वेत बनाए जाते है। जिससे कि औजार को मजबूती मिलती है।
महोगनी के पेड़ से अच्छी Quality के Plywood तैयार किया जाता है।
इसके बीज और फूलों का इस्तेमाल शक्तीवर्धक दवाइयों का निर्माण करने में किया जाता है।
महोगनी की पत्तियों में औषधीय गुण होता है जिससे मुख्य रूप से कैंसर, सुगर, ब्लडप्रेशर, मधुमेह और कई अन्य रोगों की दवाइयाँ बनाने मे किया जाता है।
महोगनी पेड़ के फायदे क्या है?

अगर आप महोगनी की खेती करना चाहते हैं तो महोगनी पेड़ के फायदे के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। क्योंकि यह आपको 12 साल में करोड़पति बना देगा। महोगनी का पेड़ ऊपर से नीचे तक उपयोगी होता है। इससे आप काफी ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी लकड़ी, फल, फूल व पत्तियाँ सभी से अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है।

इसके अलावा आप पेड़ो के बीच खाली ज़मीन पर दलहन या तिलहन फसल को भी उगा सकते हैं। या फिर सब्जी की खेती कर सकते हैं। इसलिए जब महोगनी के पेड़ो की रोपाई कराए तो एक सीधे लाइन में ही लगाए जिससे बीच के खाली जगह पर आसानी से कोई और खेती भी की जा सके।

ये पेड़ 12 साल में बनाएंगे करोड़पति

 

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यह भूरे रंग की लकड़ी वाला पेड़ है, जिसकी लकड़ी और पत्तियां बाजार में बढ़िया कीमतों पर बिकती हैं. इनकी इतनी मांग है कि इससे किसान करोड़ों तक का मुनाफा कमा रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार ये महोगनी पेड़ किसानों को 12 साल में करोड़पति बन सकते हैं. ये पेड़ उपजाऊ मिट्टी, अच्छी जल निकासी और सामान्य पीएच मान में खूब अच्छी तरह विकास करता है.

इसकी लकड़ियां जल्द खराब नहीं होती हैं. यही वजह है कि बाजार में इसकी काफी मांग है. इस लकड़ी के उपयोग से जहाज, गहने, प्लाईवुड जैसे महंगे सामान बनाए जाते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार इस पेड़ की खेती ऐसी जगह नहीं करनी चाहिए जहां हवा का बहाव तेज हो. ऐसी जगहों पर इसके पौधों का विकास सही तरीके से नहीं हो पाता है. इसलिए पहाड़ी प्रदेशों में इसकी खेती ना करने की सलाह दी जाती है.

मच्छरों को भगाते हैं दूर

वहीं इन पेड़ों का एक और गुण है जो स्वास्थ्य के नजरिए से भी लाभकारी है. जैसा कि हम सब जानते हैं मच्छरों से कई तरह की बीमारियां होती हैं और ये पेड़ मच्छरों को दूर भगाता है. जी हां, जहां महोगनी के पेड़ लगाए जाते हैं, उसके आसपास मच्छर और कीड़े नहीं भटकते. यह पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर है. यही कारण है कि इसकी पत्तियों और बीजों का यूज मच्छर भगाने और कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता है.

ऐसे में आप ये पेड़ लगाने से मच्छरों से होने वाले रोगों का शिकार होने से बच जाएंगे. इसकी पत्तियों और बीजों से बनें तेल का इस्तेमाल साबुन, पेंट, वार्निश और कई तरह की दवाइयां बनाने में किया जाता है. इसके साथ ही इसकी छाल और पत्तों का इस्तेमाल कई तरह के रोगों से लड़ने के लिए किया जाता है.

किसानों के लिए कमाई का अच्छा साधन

बताया जाता है कि महोगनी के पेड़ 12 साल में तैयार होते हैं. इसके बाद इसकी लकड़ी को उपयोग में लाया जा सकता है. इसके बीज बाजार में एक हजार रुपये प्रति किलो तक बिकते हैं. वहीं इसकी लकड़ी 2000 से 2200 रुपये प्रति क्यूबिक फीट थोक में आसानी से मिल जाती है. ऐसे में अगर किसान इसकी बड़े पैमाने पर खेती करें तो अच्छी कमाई कर सकते हैं.

 

source:- https://hi.quora.com/