Posted on Leave a comment

कमल की संपूर्ण सटीक जानकारी।

कमल के विविध नाम :

पुण्डरीक, अब्ज, अम्बुज, अमोज, अरविन्द, इन्दीवर, उत्पल, कंज, कुंज, कुवलय, जलज, वारिज, पदम्, शतदल, सहस्रदल, तामीस, तामरस, राजीव, नीरज, पुष्कर, पंकज, सारस, सरोज, पारिजात, श्रीपर्ण, श्रीपुष्प आदि।  परन्तु इसका सर्वाधिक प्रचलित यही नाम है -”कमल”। 

कमल के नामों के संदर्भ में एक दोहा भी प्रचलित है जो कि निम्नलिखित प्रकार से है –

पुण्डरीक, पुष्कर, कमल, अम्बुज, जलज, अमोज।  

पंकज, सारस, तामरस, कुवलय, कंज, सरोज।। 

कमल का सामान्य परिचय :

प्रायः  समस्त प्रकार के फूल -विभिन्न प्रकार के पौधों, लताओं और बेलों से उत्पन्न होते हैं।  किन्तु कुछ फूल ऐसे भी हैं जोकि पानी में पैदा होते हैं, ऐसे फूलों को -जल -पुष्प वारिजात – इत्यादि नामों से सम्बोधित किया जाता है।  

जलज -पुष्पों में सर्वोच्च स्थान ‘कमल’ को प्राप्त है। द्रितीय स्थान पर कोक (कुमुद )का नाम लिया जाता है।  यघपि ‘कमल’और ‘कुमुद’ में पर्याप्त समानताये हैं लेकिन इनमें अनेक अंतर भी होते हैं – रूप, गुण, प्रभाव आदि सभी द्रष्टियों से।  

कमल के उत्पत्ति एवं प्राप्ति स्थान : 

जैसा कि पिछली पंक्तियों में बताया गया है कि –कमल की उत्पत्ति पानी में होती है लेकिन वह पानी बहुत अधिक चलायमान (बहुत अधिक वेग से बहने वाला )नहीं होना चाहिये।  इसलिये कमल की उत्पत्ति – तालाबों, सरोवरों, दलदल वाले स्थानों पर होती है।  चूँकि नदियों का पानी बहुत अधिक चलायमान होता है इसलिये नदियों में कमल की उत्पत्ति नहीं होती है।  लेकिन कभी -कभी नदियों के किनारों की मिटटी -नरम और दलदली हो जाती है इसलिये कभी -कभी वहाँ पर कमल उत्पनं हो जाता है।  

धनवान लोग अपने घरों में कृत्रिम तालाब आदि बनवाते हैं और उनमें भी कमल आदि को उत्पन्न करवाते हैं।  

कमल के स्वरूप : 

कमल का फूल गुलाबी रंग का होता है (कभी -कभी सफेद रंग का कमल भी देखने को मिलता है )इसमें अनेक पंखुड़ियाँ होती हैं और वह पंखुड़ियाँ बहुत अधिक कोमल होती हैं।  कमल के फूल में से एक विशेष प्रकार की भीनी -भीनी सुगन्ध भी आती रहती है 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *