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ग्राफ्टिंग क्या होती है और ग्राफ्टेड पौधे लगाने के फायदे।

What is Grafting of plants? (Advantages, Videos)

ग्राफ्टिंग क्या है। ( What is Grafting )

ग्राफ्टिंग तकनीक वह विधि है जिसमें दो अलग – अलग पौधों के कटे हुए तनों को लेते हैं। जिसमें एक जड़ सहित और दूसरा बिना जड़ वाला होता है। दोनों तनों को इस प्रकार एक साथ लगाया जाता कि दोनों तने आपस में संयुक्त हो जाते हैं और एक ही पौधे के रूप में विकसित हो जाता है। इस नए पौधे में दोनों पौधों की विशेषताएँ होती हैं। जड़ वाले पौधे के कटे हुए तने को स्टॉक और दूसरे जड़ रहित पौधे के कटे हुए तने को सायन कहा जाता है। यह पोषक तत्वों को बढ़ाकर तथा उपयुक्त रुट स्टॉक्स के साथ मिटटी जनित रोगों के प्रतिरोधक विकसित करके पौधों की वृद्धि करता है। ग्राफ्टिंग का उपयोग विभिन्न प्रकार के पौधों जैसे – आम, जामुन, सेब, कटहल आदि में किया जाता है। 

ग्राफ्टेड पौधे लगाने के फायदे ( Benefits of planting grafted plants )

  1. ग्राफ्टेड पौधे सामान्य पौधों की अपेक्षा बीमारियों और प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए अधिक प्रतिरोध विकसित करते है। ग्राफ्टेड पौधों की प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है। 
  2. ग्राफ्टेड पौधे सामान्य पौधों की तुलना में कम समय में ही फल और फूल देने लगते हैं। 
  3. ग्राफ्टेड पौधों में प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होने के कारण ये स्वस्थ रहते हैं। इन्हे ज्यादा खाद – पानी की जरुरत नहीं होती। अतः कम लागत में ही ग्राफ्टेड पौधों की देखभाल की जा सकती है। 
  4. ग्राफ्टेड पौधों की गुणवत्ता अधिक होती है। इनमें फल, पत्तियों और फूलों में पाए जाने वाले अधिकांश गुण बरकरार रहते हैं जबकि ये गुण कभी – कभी उन पौधों में खो जाते हैं जो एक बीज से उगाये जाते हैं। 
  5. ग्राफ्टेड पौधों का आकार छोटा होता। अतः ग्राफ्टेड पौधे आकार में छोटे होने के कारण भी जल्दी फल – फूल देने लगते हैं। अतः इनके फल या फूल के आकार में सामान्य पौधों के फल या फूल के आकार से भिन्नता होती है। 
  6. ग्राफ्टेड पौधों का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि आप इन पौधों को गमले में लगाकर इनसे फल – फूल प्राप्त कर सकते हैं। 
  7. सामान्य पौधे केवल अपना सीजन आने पर ही फल देते हैं जबकि ग्राफ्टेड पौधे बारामास ( साल भर ) फल देते हैं। 
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