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Top 10 secrets to get a lot of fruits from mango tree

आम एक उष्णकटिबन्धीय फल है। आम के फल मिठास, प्रोटीन और कच्चे फाइबर से भरपूर होते हैं। आम में विटामिन – A और कैरोटीन अन्य फलों की अपेक्षा बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके आलावा विटामिन – C भी अधिक मात्रा में होता है। खनिज, प्रोटीन, वसा और शर्करा मुख्य पोषक तत्व हैं। आम की उपज और गुणवत्ता में सुधार कैसे करें। 

How to Grow Mango Trees

मौसम की जाँच करें :- बढ़ते हुए आम के पौधे को तेज धूप की जरुरत होती है लेकिन सीधी धूप की जरुरत नहीं। जब आपका आम का पौधा अच्छी तरह बढ़ने लगे तब उसे धूप की ज्यादा जरुरत होती है। जिसका मतलब यह है कि आपने जो आम के पौधे घर में गमले में लगायें हैं उन्हें बाहर धूप में रखने की जरुरत है। आम के पौधे को कम से कम 6 घंटे और अधिकतम 10 घंटे की धूप मिलनी ही चाहिए। यह आपके पौधे के लिए सबसे अच्छा रहेगा कि आप अपने पौधे को साउथ फेसिंग एरिया में रखें। सर्दियों में आपको ग्रो लाइट की आवश्यकता हो सकती है। 

तापमान और आर्द्रता :- आम के पौधों के लिए 50 % से अधिक नमी की जरुरत होती है। अगर हवा शुष्क है तो इनडोर लगे आम के पौधे को पानी की फुहार देते रहें। आप अपने पौधे को जीतना हो सके गर्म रखें और 50 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर रखें। आम के पौधे 40 डिग्री से नीचे के तापमान को नहीं सह सकते इसका मतलब यह है कि आम के पौधे अधिक ठण्ड नहीं सह सकते, इसके आलावा इनके फल और फूल भी गिरने लगते हैं। ऐसी जगहें जहाँ का औसत तापमान 80 से 100 डिग्री फारेनहाइट हो वहाँ आम के पौधों को उगाया जा सकता है। 

मिटटी के कटाव को रोकने के लिए निराई और गुड़ाई :- किसी वयस्क फल के पेंड की जड़ें उसके आस – पास के क्षेत्रों में किसी जाल के सामान फैली होती हैं और उन जड़ों के आस – पास उगने वाला खर – पतवार जड़ों की वृद्धि में बाधा बनती हैं। इसीलिए उनकी सफाई होनी बहुत जरुरी है। मिटटी की गुड़ाई 1 – 2 इंच की गहराई पर करनी चाहिए। ऐसा करने से पौधे की जड़ें अच्छे से सांस ले सकती हैं। मिटटी की गुड़ाई करने से मिटटी का कटाव नहीं होता है। 

फलों की तुड़ाई के बाद पौधे की कटाई – छटाई :- एक बार फलों की तुड़ाई के बाद आम के पौधे की प्रूनिंग कर देनी चाहिए। कटाई – छटाई कर देने से पौधा अधिक दिनों तक चलता है। प्रकाश संचरण की स्थिति में सुधार होता है। फलों की उपज को बढ़ाता है। कीट और बिमारियों से पौधे की रक्षा है। 

खाद और पानी की सुविधा :- बागों में गहराई से यह जाँच करना अति आवश्यक है कि आम के पौधों को कब खाद – पानी की जरुरत है। फलों के पेड़ों की वृद्धि और वृद्धि विषेशताओं के अनुसार आम के पेड़ों को पर्याप्त फल उर्वरक और फूल उर्वरक देना चाहिए। 

टहनियों को नियंत्रित और फूलों को बढ़ावा :- टहनियों के नियंत्रण और फूलों को बढ़ावा देने के लिए रसायनों का उपयोग वैज्ञानिक ढंग से करना आवश्यक होता है। जिससे अनावश्यक नुकसान से बचा जा सकता है।

परागण और फलों में सुधार :- जब आम के पेंड में फूल आ रहें हो तो आप आम के बाग में जानवरों की आँतों, सड़ी हुयी मछलियाँ या सड़ा हुआ मांस डालने से मक्खियाँ और चीटियाँ आकर्षित होंगी और जिनकी वजह से अधिक परागण होगा और मधुमक्खियों को भी बागों में छोड़ सकते हैं। पोटेशियम हायड्रोजन फॉस्फेट 0.3 %, बोरेक्स 0.2 % उच्च नाइट्रोजन पानी में घुलनशील उर्वरक 0.1 % का छिड़काव पेंड के ऊपरी भाग पर करना चाहिए। फूल आने के बाद एमिनो एसिड और 3 – 4 मिलीग्राम /किलोग्राम जिबरेलिन का छिड़काव करने से भी फल लगने की दर में वृद्धि होती है। 

फूलों और फलों की रक्षा करना :- हवा और गर्मी के वातावरण को बदलने और फल – फूलों के विकास और विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए विंडब्रेक वनों का निर्माण किया जाना चाहिए। कम तापमान वाले मौसम, जैसे शुष्क मौसम और ठंडी हवा के मामले में, हवा को हर 10 मीटर पर बगीचे में रखा जाना चाहिए ताकि धुएं का ढेर लगाया जा सके। 

पेड़ों के क्षतिग्रस्त स्थान का उपचार :- उन क्षेत्रों में जहाँ अक्सर उष्ण कटिबंधीय तूफान आते हैं, तूफान के बाद शाखाएँ और पत्तियाँ टूट  जिसके कारण कीटों द्वारा घावों पर संक्रमण होता है और पूरे पौधे की मृत्यु हो जाती है। आँधी और बारिश के बाद या आपदा के बाद पेंड़ों का उपचार किया जाना चाहिए। आपदा के बाद क्षति ग्रस्त स्थान की जाँच करें। 

कीट और रोग नियंत्रण :- वयस्क आम के पेड़ों के कीट और रोग वही होते हैं जो सामान्य आम के पेड़ों के होते हैं। जब आम का उत्पादन हो रहा हो तो हमें आम की फसल पर लगने वाली बीमारियों जैसे :- एन्थ्रेक्नोज, पाउडर फफूँदी और गमोसिस को नियंत्रित करना चाहिए। आम की बागों में फैले आर्मीवर्म, लीफहॉपर और लॉन्गहॉर्न बीतल को मारना चाहिए, ताकि आम की सामान्य वृद्धि सुनिश्चित हो सके।  

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