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वर्मी कम्पोस्ट क्या है और जानें इसके लाभ और उपयोग विधि।

वर्मी कम्पोस्ट क्या है। ( What is Vermi Campost )

Organic Vermicompost, Powder, Rs 7.5 /kg 4 Angles | ID: 15039329855

केचुओं की मदद से कचरे को खाद में परिवर्तित करने हेतु केंचुओं को नियंत्रित वातावरण में पाला जाता है। इस क्रिया को वर्मी कल्चर कहते हैं, केंचुओं द्वारा कचरा खाकर जो कास्ट निकलती है उसे एकत्रित रूप से वर्मी कम्पोस्ट कहते हैं। 

वर्मी कम्पोस्ट में साधारण मृदा की तुलना में 5 गुना अधिक नाइट्रोजन, 7 गुना अधिक फास्फेट, 7 गुना अधिक पोटाश, 2 गुना अधिक मैग्नीशियम व कैल्शियम होते हैं। प्रयोगशाला जाँच करने पर विभिन्न पोषक तत्वों की मात्रा इस प्रकार पायी जाती है। 

नाइट्रोजन :- 1.0% – 2.25%

फॉस्फोरस :- 1.0 % – 1.50 %

नाइट्रोजन :- 2.5 % – 3.00 %

वर्मी कापमोस्ट के लाभ ( Benefits of Vermi Campost )

  1. वर्मी कम्पोस्ट को भूमि में बिखेरने से भूमि भुरभुरी एवं उपजाऊ बनती है। इससे पौधों की जड़ों के लिए उचित वातावरण बनता हैं। जिससे पौधों का अच्छा विकास हो पाता है। 
  2. भूमि एक जैविक माध्यम है तथा इसमें अनेक जीवाणु होते हैं जो इसको जीवन्त बनाये रखते हैं। इन जीवाणुओं को भोजन के रूप में कार्बन की आवश्यकता होती है। वर्मी कम्पोस्ट मृदा से कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि करता है तथा भूमि में जैविक क्रियाओं को निरंतरता प्रदान करता है। 
  3. वर्मी कम्पोस्ट में आवश्यक पोषक तत्व प्रचुर व संतुलित मात्रा में होते हैं। जिससे पौधे संतुलित मात्रा में विभिन्न आवश्यक तत्व प्राप्त कर सकते हैं। 
  4. वर्मी कम्पोस्ट के प्रयोग से मिटटी भुरभुरी हो जाती है जिससे उसमें पोषक तत्व व जल संरक्षण की क्षमता बढ़ जाती है व हवा का आवागमन भी मिट्टी में ठीक रहता है। 
  5. वर्मी कम्पोस्ट क्योंकि कूड़ा-करकट, गोबर व फसल अवशेषों से तैयार किया जाता है अतः गन्दगी में कमी करता है तथा पर्यावरण को सुरक्षित रखता है। 
  6. वर्मी कम्पोस्ट टिकाऊ खेती के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है तथा यह जैविक खेती की दिशा में एक नया कदम है इस प्रकार की प्रणाली प्राकृतिक प्रणाली और आधुनिक प्रणाली जो की रासायनिक उर्वरकों पर आधारित है, के बीच समन्वय और सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है। 

उपयोग विधि 

वर्मी कम्पोस्ट जैविक खाद का उपयोग विभिन्न फसलों में अलग – अलग मात्रा में किया जाता है। खेती की तैयारी के समय 2.5 से 3.0 टन प्रति हेक्टेयर उपयोग करना चाहिए। खाद्यान फसलों में 5.0  से 6.0 टन प्रति हेक्टेयर मात्रा का उपयोग करें। फल वृक्षों में आवश्यकतानुसार 1.0 से 10 किग्रा / पौधा वर्मी कम्पोस्ट उपयोग करें तथा किचन, गार्डन और गमलों में 100 ग्राम प्रति गमला खाद का उपयोग करें तथा सब्जियों में 10 – 12 टन/हेक्टेयर वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें। 

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