पारिजात के पौधे को हरसिंगार भी कहा जाता है और यह बेहद पवित्र पौधा माना जाता है। नारंगी डंडी और खूबसूरत सफेद फूल को आपने कई जगहों पर देखा होगा, इसी फूल को हरसिंगार कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जिस घर में हरसिंगार का पौधा होता है, उस घर में माता लक्ष्मी का वास होता है।हरसिंगर या पारिजात के पौधे को कटिंग से आसानी से लगाया जा सकता है।
हरसिंगार या पारिजात के पौधे की कटिंग लगाने का सही समय अक्टूबर का महीना होता है। पारिजात के पौधे की एक अच्छी 5-6 इंच लंबी शाखा लीजिए और इसके निचले छोर को 45° के कोण से काट लीजिये। नीचे से आधी दूरी तक के सारे पत्ते हटा दीजिये। यदि रूटिंग हार्मोन उपलब्ध है तो प्रयोग कीजिये अन्यथा प्याज का अर्क या एलोवेरा का जेल निचले तिरछे कटे हुए हिस्से पर लगा लीजिए, हैं तो वह कटिंग पर लगा सकते हैं, मिट्टी तैयार करने के लिए 40% मिट्टी, 30% वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद और 15% रेत और 15% कोको पीट या धान की भूसी को अच्छे से मिलाकर गमले में भरिए और कटिंग के लगभग आधे भाग को मिट्टी में दबकर और पानी डालकर गमले को ऐसे जगह पर रखिये जहां सुबह की हल्की धूप कुछ देर के लिए मिल सके तेज धूप से कटिंग को बचाकर रखिये। मिट्टी में लगातार नमी बनाये रखें, ज्यादा पानी देने से बचें। जड़ें निकलने में कम से कम 4 से 6 हफ्तों का समय लग सकता हैं, जब कटिंग में नई-नई पत्तियाँ निकलने लगें तो समझ जाये कि कटिंग लग गई हैं।
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