क्या आप जब पौधों को नर्सरी या ऑनलाइन नर्सरी से लेते हैं तो आपके द्वारा वह पौधे लगाए जाने पर सूख जाते हैं या उनकी ग्रोथ अच्छे से नहीं होती। तो आपको घबराने की बिल्कुल जरुरत नहीं है। आज आप बिल्कुल ऐसे तरीके जानने वाले है जो तरीके नर्सरी में प्रयोग किये जाते हैं।
अगर आपने किसी पौधे को लोकल नर्सरी से लिया है तो आपको बस उनको लगाने और देखभाल करने के तरीके को ही जनना है।
अगर आपने किसी पौधे को ऑनलाइन नर्सरी से आर्डर किया है तो पौधा आने के बाद उस पौधे की 4 से 5 दिन कुछ अलग तरीके की देखभाल आपको करनी होगी। जो निम्न्लिखित हैं।
- यदि आपके पास पहुंचे हुए पौधे की पत्तियां सूख गयी हैं, या पत्तियों की संख्या कम हो गयी है तो निराश न हों क्योंकि पैकिंग डिब्बे में बंद रहने के कारण पौधे को कुछ दिनों तक धुप और पानी न मिलने से पौधे की पत्तियां सूख या झड़ सकती हैं और कुछ पौधों के लिए वर्तमान मौसम पतझड़ का होने के कारण पत्तियां कम या नहीं भी हो सकती हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की पौधा मर गया है क्योंकि पौधे 10 से 12 दिनों तक बिना धुप या पानी के जीवित रह सकते हैं। अतः अगर पौधा ऑनलाइन नर्सरी से आर्डर करने के बाद 10 दिनों के अंदर आपके पास पहुँच गया है तो निश्चित रूप से यह पौधा मरा नहीं है। भले ही इसकी पत्तियां सूखी या टहनी टूटी हैं।
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- आपके पास पौधे किसी भी स्थिति में पहुंचे हो सबसे पहले आपको पौधों को किसी बर्तन में रखकर उसकी मिट्टी को गीला कर लें और फिर उनको किसी ऐसे स्थान पर रखना है जहाँ धूप बहुत ही कम पहुँच रही हो। अगर आप उनको तेज धूप में रख देंगे तो वह सूख सकते हैं।
- आपको पौधों को 4 से 5 दिनों के लिए ऐसे ही खुले में रहने देना है। अगर बारिश हो रही हो तो आप उनको बारिश के पानी में रख दे। बारिश का पानी पौधों के लिए अमृत के समान होता है।
- 4 से 5 दिनों के बाद पौधे की रिपोटिंग कर दें।
ये तो बात हो गयी ऑनलाइन नर्सरी द्वारा आये पौधों की शुरुआती दिनों की देखभाल की। अब बात करते हैं हम कि पौधों की रिपोटिंग कैसे करें। इसमें हम दोनों ही पौधों की बात करेंगे चाहे वह पौधा आपने लोकल नर्सरी से लिया हो या ऑनलाइन नर्सरी से। दोनों की रिपोटिंग समान तरीके से ही होती है।
- अगर आपको पौधा गमले में लगाना है तो यथा संभव बड़े से बड़ा गमला लें। गमला जितना बड़ा होगा पौधे के लिए उतना ही अच्छा रहेगा। मिट्टी के गमले सबसे अच्छे होते हैं लेकिन आप चाहे तो प्लास्टिक, फाइवर और सीमेंट के गमले भी प्रयोग कर सकते हैं। फूल वाले पौधों के लिए कम से कम 6 इंच का गमला और फल वाले पौधे के लिए कम से कम 12 इंच का गमला प्रयोग करें।
- जब पौधे को नए गमले में डाला जा रहा हो तो उसमें नयी मिट्टी का इस्तेमाल करें और यह भी ध्यान रहे कि मिट्टी प्रदूषित न हो।
- पौधे को लगाते समय मिट्टी में कोई खाद न मिलाएं, गोबर वाली खाद भी नहीं क्योंकि अगर खाद पुरानी न हुई तो उसकी गर्मी से पौधे की जड़ों को नुकसान पहुँच सकता है और पौधा सूख सकता है।
- पौधे का पॉलीबैग खींचना नहीं चाहिए। इससे पौधे की जड़ टूट सकती है और पौधा सूख सकता है। पॉलीबैग को ब्लेड या कैंची की मदद से काट कर निकाल दें।
- पौधे को पॉलीबैग से निकालने के बाद पौधे की जड़ को थोड़ा सा ढीला कर दें।
- अब पौधे को गमले में लगाए। पौधे की जड़ पूरी तरह मिटटी के अंदर होनी चाहिए और पौधा लगाने के बाद मिट्टी को अच्छी तरह से दबा दें।
- पौधे को लगाने के बाद उसको पानी देना ना भूलें। ध्यान रहे पानी का तापमान सामान्य होना चाहिए।
- गमले में लगे पौधों को सुबह 10 बजे से पहले और शाम को 4 बजे के बाद ही पानी देना चाहिए।
- गमले में लगाए गए नए पौधों को ज्यादा तेज धुप आने वाले स्थान पर न रखें।
- पौधा लगाने के बाद आप इसमें जैविक खाद डाल सकते है। बिना उचित जानकारी के कोई केमिकल खाद पौधों में न डालें।
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