तुलसी का पौधा
तुलसी के विविध नाम
वृंदा ,अमृता, सुगन्धा ,मंजरी , सुरभि, माधवी, पावनी, तीव्रा, पत्रपुष्पा ,पवित्रा , लक्ष्मी, विष्णुकान्ता, वैष्णवी,श्यामा सुलभा, हरिप्रिया, श्री |
-
Grafted jamun plant for pot and gardenSale!
Rs.1,699.00Rs.1,250.00 -
Lucky bamboo live plant for home decorationSale!
Rs.1,100.00Rs.499.00 -
Pure Kashmiri Saffron – Suddh Kashmiri Kesar – 1 GramSale!
Rs.500.00Rs.399.00
तुलसी का सामान्य परिचय
यह एक पवित्र पौधा होता है | इसकी पत्तियों का प्रयोग भगवान की पूजा के समय पर उनको भोग लगाने के लिये किया जाता है। तुलसी की पत्तियाँ सूखने के बाद में भी पवित्र मानी जाती हैं और सूखी पत्तियों का भी शुभ कार्यो में निःसंकोच प्रयोग किया जाता है।
तुलसी की उत्तपत्ति एवं प्राप्ति-स्थान
तुलसी का पौधा प्राय: पुरे देश में पाया जाता है। इसे घरों में लगाया जाता है। इसे मंदिरों और उद्यानों में भी लगाया जाता है।ऐसी मान्यता है कि_तुलसी के पौधे को अपवित्र और गन्दे हाथो से नहीं छूना चाहिये क्योकि ऐसा करने से यह मुरझा जाता है और धीरे -धीरे नष्ट हो जाता है।
तुलसी के प्रकार
तुलसी का पांच प्रकार का होता है –
- श्यामा तुलसी {काली तुलसी या कृष्ण तुलसी }
- शवेत तुलसी {हरी सफेद तुलसी }
- दद्रिह तुलसी
- तुकशमीय तुलसी
- बाबी तुलसी
लेकिन इन पाँचो में से सबसे ज्यादा ‘श्यामा तुलसी’ का ही प्रयोग किया जाता है।
तुलसी का स्वरूप
:श्यामा तुलसी प्राय : पुर देश में पाई जाती है | इसके पौधे की ऊंचाई लगभग तीन फुट तक होती है और इसके पत्ते छोटे तथा हरे रंग के होते हैं | यह पत्ते सूखने के बाद में काले पड़ जाते हैं इसलिये ही इस तुलसी को श्यामा तुलसी या काली तुलसी भी कहा जाता है | यह तुलसी भगवान श्रीकृष्ण को बहुत अधिक प्रिय है, इसीलिए इसे ‘कृष्णा तुलसी’ कहते हैं।
-
Grafted jamun plant for pot and gardenSale!
Rs.1,699.00Rs.1,250.00 -
Lucky bamboo live plant for home decorationSale!
Rs.1,100.00Rs.499.00 -
Pure Kashmiri Saffron – Suddh Kashmiri Kesar – 1 GramSale!
Rs.500.00Rs.399.00