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जानें चमेली के बारे में सटीक और संपूर्ण जानकारी।

विविध नाम :

चमेली ,उपजाती ,वेशिका ,सुवर्षा ,सुरूपा ,यास्मीन। 

सामान्य परिचय :

चमेली अत्यंत उपयोगी और महत्वपूर्ण वनस्पति है। इसका दैनिक जीवन में बहुतायक से प्रयोग किया जाता है।  

उत्तपत्ति एवं प्राप्ति स्थान:

चमेली का पौधा प्राय :बाग बगीचों में पाया जाता है बहुत से लोग इसको अपने घरो में भी लगाते हैं।  

स्वरूप : 

चमेली का पौधा बेल की तरह का होता है।  इसके पत्ते हरे चिकने और कुछ गोल होते हैं।  इसके फूल आकार में छोटे होते हैं और सफ़ेद रंग के होते हैं जिसमें सामान्यता :केवल चार या पाँच पंखुड़ियाँ होती हैं और वह लम्बी डण्डी पर लगते हैं  

गुण -धर्म :

चमेली गर्म और खुश्क होती है।  चमेली का तेल सुगंधित ठण्डा और स्वाद में कड़वा होता है।  बहुत से लोग चमेली का तेल अपने सिर के बालों में लगाते हैं लेकिन विद्वानों का कहना है कि चमेली का तेल लगाने से बाल बहुत जल्दी (उम्र से पहले ही )सफेद होने लग जाते हैं अतः इसे बालों में नहीं लगाना चाहिये।  

औषधीय प्रयोग :

चमेली का प्रयोग – सिर ,आँख ,मुँह ,दाँत आदि के रोगों की दवा बनाने में भी किया जाता है।  इसके अतिरिक्त यह घाव ,कोढ़ ,लकवा ,गठिया आदि के रोगों में भी अत्यन्त लाभप्रद है।  

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