गुलाब एक बहुत ही खूबसूरत, सुगंधित और आकर्षक फूल है। गुलाब को फूलों का राजा भी कहा जाता है। गुलाब का फूल भारत के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में उगाया जाता है। दूसरे फूलों की तुलना में गुलाब के फूल का व्यवसाय में सबसे अधिक महत्त्व है। गुलाब बहुवर्षीय पौधा है। गुलाब के पौधे को लगाते समय वातावरण ठंडा होना जरुरी है। सूर्य के प्रकाश का गुलाब के पौधों पर गहरा असर पड़ता है। इसे तेज धूप की जरुरत होती है, लेकिन ज्यादा प्रकाश की तीव्रता और कम तापमान में इसमें फूल नहीं आते। इसके आलावा भी गुलाब का पौधा लगाते वक्त कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। वो बातें निम्नवत हैं।
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1. सही मिट्टी का चयन जरुरी है।
गुलाब को बलुई, दोमट मिट्टी, जिसमें कार्बनिक पदार्थ की मात्रा भरपूर हो, ऐसी मिटटी की जरुरत होती है। चिकनी मिट्टी में गुलाब फलता फूलता नहीं है। इसमें गोबर की खाद, फास्फोरस, पोटाश और दूसरे पोषक तत्व को मिलाकर मिट्टी तैयार करनी चाहिए। मिट्टी में गोबर की खाद और अन्य उर्वरक मिलाने के बाद भुर-भुरी होने पर क्यारी बनानी चाहिए और पौधे के लिए मिटटी को नम रखना चाहिए।
2. लगाने का सही तरीका
वैसे तो गुलाब के फूलों को सुखाकर उनके बीज तैयार किये जाते हैं। लेकिन इसे गुलाब की कलम द्वारा भी लगाया जा सकता है। यह सबसे सरल और कम लागत वाली विधि है। इसके द्वारा पौधा लगाने वाले खुद पौधा बना सकते हैं और एक साल पुरानी गुलाब की कलमों का इस्तेमाल किया जाता है। कलम लगाने के बाद उनमें अच्छी तरह जड़ें और तना विकसित होने के बाद उन्हें दूसरे स्थान पर रोपित करना चाहिए।
3. सिंचाई और देखभाल
पौधे रोपने के बाद गुलाब के पौधों को फुहार विधि से सींचना चाहिए। अगर पौधे गमले में लगाएं हैं तो उन पर ऊपर से पानी का छिड़काव करना चाहिए। इससे पौधों में शाखाएँ जल्दी फूटती हैं। पानी की मात्रा पौधों की वृद्धि और सूर्य की रोशनी की तीव्रता पर निर्भर करती है। गुलाब के पौधे में अधिक पानी की जरुरत होती है। गुलाब के पौधों में पानी सुबह 9 बजे तथा शाम को 3 बजे के आस पास दे देना चाहिए। गुलाब के पौधों की वृद्धि के लिए अन्य पौधों की भाँति नाइट्रोजन युक्त खाद देनी चाहिए। इसके अलावा खाद में नाइट्रेट, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैगनीज, सल्फर जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्त्व गुलाब के पौधों के लिए अति आवश्यक हैं। समय – समय पर इनमें आने वाले खर-पतवार निकाल देने चाहिए और मिटटी की निराई गुड़ाई करते रहना चाहिए।
4. कीट – पतंगों से बचाव
गुलाब के पौधों पर एफिड की प्रजातियों का हमला होता है। हरे रंग वाला एफिड इसे नुकसान पहुँचा सकता है। इसके अलावा लाल मकड़ी, रेड स्केल, रोजवेफर जैसे कीट इनकी पत्तियों को नुकसान पहुँचाते हैं। इसके लिए इनमें कीटनाशकों का इस्तेमाल करना चाहिए।
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